बिहार की नई उपलब्धि: दुनिया का चौथा सबसे बड़ा इस्कोन मंदिर पटना में बनकर हो गया तैयार
बिहार और यहां के लोगों की धार्मिक आस्था अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त है। पूरे विश्व को बौद्धऔर जैन धर्म की सीख देने का श्रेय बिहार को ही जाता है क्योंकि यही से इन धर्मों का उद्भव हुआ है। बिहार में मंदिरों का इतिहास भी काफी पुराना है। बिहार समृद्ध धार्मिक विरासत और कई खूबसूरत मंदिरों का घर कहा जा सकता है। इसी खूबसूरती को बढ़ाने के क्रम में एक नया नाम बिहार में जुड़ने वाला है। 12 वर्षों से भी अधिक वक्त की मेहनत के बाद यह खूबसूरत उपलब्धि बिहार के नाम जुड़ने वाली है।
13 वर्षों में 100 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ है मंदिर बिहार की राजधानी पटना में बुध मार्ग पर एक इस्कॉन मंदिर बनकर तैयार हो चुका है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा इसकॉन मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण कार्य वर्ष 2009 में शुरू किया गया था जो कि अब 13 वर्षों में बनकर तैयार हो गया है। मंदिर को बनाने में 100 करोड की लागत लगी है जो कि इस कि अद्भुत भव्यता और कारीगरी से स्पष्ट रूप से भी पता चल जाती है। श्री राधे बांके बिहारी का मंदिर तीन मंजिलों में बनकर तैयार हुआ है जिसके सबसे निचले तल पर प्रसाद बनाने का कार्य किया जाएगा। उसके ऊपर वाले तल पर मंदिर का कॉन्फ्रेंस हॉल बनाया गया है।
जहां पर मंदिर की संबंधी कार्यक्रम होंगे तथा उसके ऊपर प्रभु के दर्शन हेतु गर्भ गृह की स्थापना की जाएगी।मेन गर्भ गृह में श्री राधा बांके बिहारी की मूर्ति स्थापित की जाएगी तथा उसी के बगल में दो अन्य छोटे गर्भ गृह भी हैं जिनमें से एक में मां जानकी एवम प्रभु श्री राम की मूर्ति स्थापित होगी तथा दूसरे में हनुमान जी की स्थापना होगी। मंदिर गर्भ गृह के सारे मंदिर लकड़ी के द्वारा बनाए गए जिन पर स्वर्ण रंग का पेंट किया गया है। मंदिर के गर्भ गृह के सामने एक बड़ा सा हॉल है जिसमें एक बार में 5000 श्रद्धालु अपने आराध्य के दर्शन कर सकेंगे। पूरा मंदिर करीब चौरासी खंभों पर खड़ा है।
ताजमहल बनाने वाले मजदूरों के वंशज ने ही कि है मंदिर की सारी कारीगरी मंदिर के निर्माण कार्य में वर्ष 2009 से अब तक करीब 20000 मजदूर कार्यरत रहे हैं। सबसे खास बात इन मजदूरों की यह है कि यह सभी मजदूर उन्ही मजदूरों के वंशज हैं जिन्होंने ताजमहल का निर्माण कार्य किया था। ताजमहल जैसी खूबसूरती ही इस बांके बिहारी मंदिर को दी गई है। सीलिंग पर किया गया कार्य हो या फिर लकड़ी ऊपर की गई नक्काशी सब की छटा अद्भुत है जो पूरे मंदिर को भव्य बनाती है।
3 मई को की जाएगी मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा 3 मई 2022 को मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा होना तय किया गया है। उसी दिन सारी मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा भी की जाएगी। बिहार के इस मंदिर की शुरुआत हो जाने के बाद से न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु दर्शन के लिए आएंगे।